2013 में जब मुझे बिहार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का प्रदेश अध्यक्ष बनने का अवसर मिला, तब राज्य की राजनीति एक महत्वपूर्ण मोड़ पर थी। यह वह समय था जब बिहार में भाजपा अपने संगठन को नए सिरे से मज़बूत करने की दिशा में आगे बढ़ रही थी। यह ज़िम्मेदारी मेरे लिए एक बड़ा सम्मान और चुनौती दोनों थी। मेरा लक्ष्य था कि भाजपा को न केवल बिहार में सशक्त बनाऊँ, बल्कि 2014 के लोकसभा चुनाव में राज्य से अधिकतम सीटें जिताने का प्रयास करूँ।
भाजपा को संगठित करने की चुनौती
बिहार में भाजपा की स्थिति को मज़बूत करने के लिए मुझे पार्टी के हर स्तर पर कार्य करना था। हमारे सामने कई चुनौतियाँ थीं:
- कार्यकर्ताओं को नई ऊर्जा देना – मैंने पूरे प्रदेश का दौरा किया, बूथ स्तर तक संगठन को सशक्त करने का प्रयास किया और पार्टी कार्यकर्ताओं को एक नई रणनीति के तहत प्रेरित किया।
- जनता से सीधा संवाद – जनता को केंद्र सरकार की विफलताओं और नरेंद्र मोदी जी की दूरदृष्टि से अवगत कराने के लिए रैलियों, सभाओं और सोशल मीडिया का भरपूर उपयोग किया।
- गठबंधन की रणनीति – राज्य में गठबंधन सहयोगियों के साथ समन्वय बिठाने का भी प्रयास किया ताकि चुनाव में अधिकतम सीटें जीती जा सकें।
2014 लोकसभा चुनाव: बिहार में भाजपा की ऐतिहासिक जीत
हमारी मेहनत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की अपील का परिणाम यह रहा कि भाजपा ने बिहार में 37 में से 25 सीटें जीतकर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। यह केवल संख्याओं की जीत नहीं थी, बल्कि यह उस विचारधारा की विजय थी, जिसमें हम ‘सबका साथ, सबका विकास’ के संकल्प को लेकर आगे बढ़ रहे थे।
इस चुनाव में भाजपा की रणनीति के कुछ महत्वपूर्ण पहलू रहे:
- मोदी लहर का असर – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की लोकप्रियता ने पूरे देश में परिवर्तन की लहर पैदा की थी, जिसका सीधा प्रभाव बिहार पर भी पड़ा।
- विपक्ष की विफलताएँ – जनता कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों की विफलताओं से त्रस्त थी और भाजपा को एकमात्र सशक्त विकल्प के रूप में देख रही थी।
- युवा और महिला मतदाताओं का समर्थन – हमने युवाओं और महिलाओं को भाजपा की नीतियों से जोड़ने पर विशेष ध्यान दिया, जिसका सकारात्मक परिणाम देखने को मिला।
2014 की जीत और भारत की राजनीति में बदलाव
2014 के चुनाव के परिणाम केवल भाजपा की जीत तक सीमित नहीं रहे, बल्कि इसने भारत की राजनीति को एक नए युग में प्रवेश कराया। नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत को एक सशक्त, आत्मनिर्भर और वैश्विक स्तर पर प्रभावशाली राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया गया। इस परिवर्तन का प्रभाव बिहार पर भी पड़ा:
- केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ सीधे बिहार की जनता तक पहुँचाने के लिए हमने हर स्तर पर प्रयास किए।
- बिहार में सड़क, बिजली, स्वास्थ्य, और शिक्षा जैसे बुनियादी क्षेत्रों में विकास कार्यों की गति बढ़ी।
- राज्य में भाजपा संगठन को और अधिक सशक्त करने के लिए हमने एक नई कार्यशैली अपनाई।
मेरे लिए यह अनुभव क्या रहा?
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के रूप में मेरा कार्यकाल केवल चुनावी जीत तक सीमित नहीं था, बल्कि यह नेतृत्व और संगठन कौशल को विकसित करने का एक अनमोल अवसर भी था। मैंने इस दौरान सीखा कि कैसे एक मज़बूत संगठन तैयार किया जाता है, कैसे कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा भरी जाती है और कैसे जनता की अपेक्षाओं को समझकर उन्हें सही दिशा में मार्गदर्शन दिया जाता है।
बिहार भाजपा अध्यक्ष के रूप में 2014 का लोकसभा चुनाव मेरे राजनीतिक जीवन का एक महत्वपूर्ण अध्याय रहा। यह केवल एक चुनाव नहीं, बल्कि बिहार और पूरे देश में भाजपा के लिए एक नई शुरुआत थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में देश ने विकास और आत्मनिर्भरता की राह पकड़ी और बिहार भी इस परिवर्तन यात्रा का महत्वपूर्ण हिस्सा बना। मेरा संकल्प सदैव यही रहेगा कि मैं अपनी निष्ठा और मेहनत से भाजपा को और अधिक सशक्त बनाने तथा बिहार को विकास के पथ पर आगे ले जाने के लिए प्रतिबद्ध रहूँ।
मंगल पाण्डेय