बिहार की राजनीति और शासन व्यवस्था में 2005 से पहले और बाद के परिदृश्य में ज़मीन-आसमान का अंतर है। यह अंतर केवल विकास कार्यों में ही नहीं, बल्कि जनता के जीवन पर भी स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। 2005 से पहले का बिहार ‘जंगल राज’ के नाम से जाना जाता था, जहाँ भ्रष्टाचार, अपहरण, अपराध, और प्रशासनिक विफलताएँ चरम पर थीं। लेकिन 2005 के बाद, भाजपा और नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार ने विकास की ओर तेज़ी से कदम बढ़ाया। विशेष रूप से स्वास्थ्य क्षेत्र में हमने जो क्रांति लाई, वह बिहार को ‘मंगल राज’ की ओर ले जाने का एक महत्वपूर्ण कदम रही।

जंगल राज: अराजकता और भय का दौर

90 के दशक और 2000 के शुरुआती वर्षों में बिहार की स्थिति अत्यंत दयनीय थी।

  • कानून-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त थी। आम लोग दिन-दहाड़े अपहरण, लूटपाट, और हत्याओं के शिकार होते थे।
  • विकास कार्य ठप थे। सड़कें, बिजली, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव था।
  • अपराधी और माफिया खुलेआम शासन का हिस्सा बन चुके थे।
  • बिहार में उद्योग-धंधे खत्म हो चुके थे, और राज्य से बड़े पैमाने पर पलायन हो रहा था।

2005: एक नए युग की शुरुआत

2005 में जब भाजपा और जदयू की सरकार बनी, तो बिहार में सुशासन की नींव रखी गई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में और भाजपा के समर्थन से प्रदेश को अराजकता से बाहर निकालकर विकास के पथ पर अग्रसर किया गया।

  • कानून-व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई। अपराधियों पर नकेल कसने के लिए विशेष कानून बनाए गए।
  • सड़कों, पुलों और अन्य बुनियादी ढांचों का तेज़ी से विकास किया गया।
  • शिक्षा और महिला सशक्तिकरण के लिए नई योजनाएँ चलाई गईं।
  • स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार लाने की दिशा में ठोस कदम उठाए गए।

मंगल राज: स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांति

जब मुझे बिहार के स्वास्थ्य मंत्री के रूप में कार्य करने का अवसर मिला, तब मेरी सबसे बड़ी प्राथमिकता थी कि स्वास्थ्य सेवाओं को गाँव-गाँव तक पहुँचाया जाए और हर व्यक्ति को उचित चिकित्सा सुविधा मिले।

स्वास्थ्य में प्रमुख सुधार:

  • अस्पतालों में डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की संख्या बढ़ाई गई।
  • हर जिले में मेडिकल कॉलेजों की स्थापना की योजना बनाई गई।
  • प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को डिजिटल सुविधाओं से लैस किया गया।
  • आयुष्मान भारत योजना के तहत लाखों गरीब परिवारों को मुफ्त इलाज की सुविधा दी गई।
  • कोरोना महामारी के दौरान बिहार में टीकाकरण और इलाज की व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से लागू किया गया।

बिहार आज विकास के नए युग में प्रवेश कर चुका है। एक समय था जब यहाँ का नाम जंगल राज के रूप में लिया जाता था, लेकिन आज बिहार मंगल राज की ओर बढ़ रहा है। सुशासन, विकास और जनकल्याण के संकल्प के साथ हम बिहार को आत्मनिर्भर और समृद्ध प्रदेश बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

हमारी सरकार का लक्ष्य स्पष्ट है—भ्रष्टाचार मुक्त, अपराध मुक्त, और विकासोन्मुख बिहार। जो परिवर्तन हमने शुरू किया है, उसे और आगे बढ़ाने का संकल्प हमारा है।

मंगल पाण्डेय