कोरोना महामारी ने जब पूरी दुनिया को अपनी चपेट में लिया, तब बिहार भी इससे अछूता नहीं रहा। बतौर स्वास्थ्य मंत्री, मेरे सामने यह एक बड़ी चुनौती थी, लेकिन हमारी सरकार ने इस संकट से निपटने के लिए तत्परता और प्रतिबद्धता के साथ काम किया। हमने स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार किया, टीकाकरण को गति दी और प्रवासी मजदूरों सहित हर जरूरतमंद तक राहत पहुँचाने का प्रयास किया।
कोरोना नियंत्रण की दिशा में मेरे द्वारा उठाए गए कदम
1. स्वास्थ्य सेवाओं का तीव्र विस्तार
महामारी की पहली लहर के दौरान ही हमने बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने का निर्णय लिया। हमारे नेतृत्व में:
- अस्पतालों में ऑक्सीजन बेड्स की संख्या बढ़ाई गई।
- विभिन्न जिलों में कोविड केयर सेंटर्स स्थापित किए गए।
- ऑक्सीजन प्लांट्स की स्थापना कर यह सुनिश्चित किया गया कि किसी मरीज को ऑक्सीजन की कमी का सामना न करना पड़े।
- टेलीमेडिसिन सेवाओं को सक्रिय किया गया ताकि मरीजों को घर बैठे डॉक्टरों से परामर्श मिल सके।
2. टीकाकरण अभियान में तेज़ी
हम जानते थे कि वैक्सीनेशन ही कोरोना के खिलाफ सबसे प्रभावी उपाय है। इसलिए हमने इसे प्राथमिकता दी।
- शहरों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी टीकाकरण केंद्रों की संख्या बढ़ाई गई।
- मोबाइल वैक्सीनेशन यूनिट्स की व्यवस्था की गई ताकि दूर-दराज़ के गाँवों तक वैक्सीन पहुँचे।
- महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष टीकाकरण अभियान चलाए गए।
3. प्रवासी मजदूरों के लिए राहत कार्य
जब बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर बिहार लौटे, तब हमने उनके पुनर्वास और राहत के लिए कई योजनाएँ लागू कीं:
- क्वारंटीन केंद्रों की व्यवस्था की गई जहाँ उन्हें मुफ्त चिकित्सा और भोजन उपलब्ध कराया गया।
- स्किल मैपिंग के माध्यम से उन्हें स्थानीय स्तर पर रोजगार दिलाने की पहल की गई।
- वित्तीय सहायता योजनाएँ चलाई गईं ताकि वे आर्थिक संकट से उबर सकें।
महामारी से मिले अनुभव और सीख
कोरोना महामारी एक अभूतपूर्व संकट था, जिसने पूरी दुनिया को सोचने पर मजबूर कर दिया। बतौर स्वास्थ्य मंत्री, यह मेरे लिए भी एक अनोखा अनुभव था। इस दौरान मैंने देखा कि कैसे एक अदृश्य शत्रु ने हमारी स्वास्थ्य व्यवस्थाओं, प्रशासनिक क्षमता और जनसहयोग की परीक्षा ली।
इस महामारी ने हमें सिखाया कि आपदा प्रबंधन केवल सरकारी प्रयासों तक सीमित नहीं हो सकता, बल्कि इसमें समाज की भागीदारी भी उतनी ही आवश्यक है। हमने यह भी सीखा कि स्वास्थ्य सेवाओं में दीर्घकालिक निवेश कितना महत्वपूर्ण है और हमें भविष्य में ऐसी किसी भी आपदा के लिए पहले से तैयार रहना होगा।
बिहार का सफल कोरोना प्रबंधन: एक मिसाल
हमारी सरकार की तत्परता और जनता के सहयोग से बिहार ने इस महामारी के गंभीर प्रभावों से खुद को बचाने में सफलता प्राप्त की। जब पूरी दुनिया स्वास्थ्य सेवाओं की कमी से जूझ रही थी, तब हमने सीमित संसाधनों के बावजूद एक प्रभावी रणनीति अपनाई।
आज जब मैं पीछे मुड़कर देखता हूँ तो महसूस करता हूँ कि मेरा प्रदेश और यह देश इतनी बड़ी महामारी से कैसे उबर पाया। यह एक कठिन यात्रा थी, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की दूरदृष्टि और दृढ़ नेतृत्व ने भारत को इस विपत्ति के गहरे अंधकार में डूबने से बचा लिया। हमने एक साथ मिलकर इस चुनौती का सामना किया और इसे पार किया।
ईश्वर से यही प्रार्थना है कि हमें फिर कभी ऐसी आपदा का सामना न करना पड़े। लेकिन यदि कभी कोई संकट आता है, तो हमें उससे निपटने के लिए और भी अधिक तैयार रहना होगा।
मंगल पाण्डेय