भारत एक प्राचीन राष्ट्र है जिसकी आत्मा इसकी सनातन संस्कृति और राष्ट्रवाद में निहित है। भारतीय सभ्यता का आधार सदैव धर्म, आस्था और राष्ट्रप्रेम रहा है। आधुनिक काल में भी इन मूल्यों की प्रासंगिकता बनी हुई है।
राष्ट्रवाद: एक जीवंत भावना
राष्ट्रवाद केवल एक राजनीतिक विचारधारा नहीं, बल्कि यह प्रत्येक नागरिक के हृदय में विद्यमान एक भावना है। जब हम अपने राष्ट्र की उन्नति और सुरक्षा की बात करते हैं, तब राष्ट्रवाद स्वतः ही जागृत हो जाता है। यह भावना हमें अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक करती है और देशहित को सर्वोपरि रखने के लिए प्रेरित करती है।
भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रवाद की इसी भावना को आत्मसात करती है और समाज के प्रत्येक वर्ग को इस विचारधारा से जोड़ने का कार्य कर रही है। यह राष्ट्रवाद केवल सीमाओं की रक्षा तक सीमित नहीं, बल्कि यह भाषा, संस्कृति, इतिहास और परंपराओं की रक्षा का भी संकल्प है।
सनातन संस्कृति: हमारी पहचान
सनातन धर्म केवल एक आस्था नहीं, बल्कि यह जीवन जीने की एक शैली है। यह धर्म केवल मंदिरों या अनुष्ठानों तक सीमित नहीं, बल्कि यह मनुष्य के नैतिक और सामाजिक उत्तरदायित्वों का मार्गदर्शन करता है। गीता, उपनिषद, रामायण और महाभारत जैसी धार्मिक ग्रंथों में जीवन के प्रत्येक पहलू का उत्तर समाहित है।
आज के आधुनिक युग में भी सनातन संस्कृति की महत्ता बनी हुई है। परिवार व्यवस्था, समाज में सहअस्तित्व, प्रकृति का सम्मान और धर्म का वैज्ञानिक दृष्टिकोण हमारी संस्कृति की विशेषताएँ हैं। भारतीय जनता पार्टी इस संस्कृति को संरक्षित और संवर्धित करने के लिए निरंतर प्रयासरत है।
भारत का भविष्य तभी सुरक्षित रह सकता है जब हम अपने राष्ट्रवाद और सनातन संस्कृति को बनाए रखें। यह केवल एक सरकार या राजनीतिक दल का उत्तरदायित्व नहीं, बल्कि प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। हमें अपने विचारों, कार्यों और नीतियों में इस भावना को सशक्त रूप से स्थान देना होगा।
आइए, हम सब मिलकर राष्ट्रवाद और सनातन संस्कृति के इस पथ पर आगे बढ़ें और अपने भारत को पुनः विश्वगुरु बनाने की दिशा में योगदान दें।
मंगल पाण्डेय